कोरोना वायरस ,प्राकृतिक आपदा या चीन की सुनियोजित साजिश

कोरोना वायरस क्या चीन ने सुनियोजित साजिश रची है और यदि नहीं तो बीजिंग और शंघाई कैसे सुरक्षित रहे
कोरोनावायरस चीन के वुहान शहर में शुरू हुआ, जिसने पूरी दुनिया में कहर फैलाया, क्या यह चीन की सोची समझी साजिश है. दिसंबर मध्य में बहुत से लोगों को बिना किसी कारण निमोनिया होने लगा और यह देखा गया की पीड़ित लोगों में से अधिकतर लोग सीफ़ूड वुहान मार्केट में मछलियाँ बेचते हैं तथा जीवित पशुओं का भी व्यापर करते हैं। चीनी वैज्ञानिकों ने बाद में कोरोनावायरस की एक नई नस्ल की पहचान की जिसे Covid-19 प्रारंभिक पदनाम दिया गया. चीनी अधिकारियों ने शुरू में कोरोना वायरस को छिपाकर प्रकोप को गलत ठहराया और उन्होंने उन डॉक्टरों को भी दंडित किया जिन्होंने खतरे का संकेत दिया था। चीन की मकर लग्न की कुण्डली में षड़यंत्र के अष्टम भाव में पड़े शनि पर हानि भाव से आ रही गुरु की दृष्टि तथा नवम भाव में बन रही केतु-सूर्य-बुध की युति इसे एक संदिग्ध और रहस्यमय राष्ट्र बनती है l 

Chart 1. Horoscope of China 

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चीन ने बीजिंग और शंघाई को बचा लिया, लेकिन शुरू में यह दुनिया से छिपा गया और इसे पूरी दुनिया में फैलने दिया। इससे चीन संदेह के घेरे में है l वुहान लैब में जैविक हथियार बनाने के लिए चीन द्वारा पहले से ही एक प्रयास किया जा रहा है, चमगादड़ों और जानवरों की अन्य प्रजातियों पर शोध चल रहा है। ऐसे कई तथ्य चीन को संदेहास्पद बनाते हैं
भारतीय ज्योतिष में ग्रहण कुंडली का बहुत महत्व है।
सूर्य और बृहस्पति 26 दिसंबर 2019 के ग्रहण में केतु और राहु से पीड़ित हैं, जो जन-धन की हानि के नुकसान का संकेत देता है l

Chart 2. Surya Grahan Kundali 26/27 December 2019 

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1918 में स्पेन में हुए स्पैनिश फ्लू में, केतु, बृहस्पति, सूर्य का संयोजन ग्रहण के समय हुआ था और 26 दिसम्बर 2019 के ग्रहण के समय में भी केतु, बृहस्पति और सूर्य का कॉम्बिनेशन बना था.

लेकिन जून में आगे के 2 ग्रहण संकेत दे रहे हैं कि खतरा टला नहीं है, शायद यह एक बड़े युद्ध का संकेत दे रहा है.

ग्रहों की स्थिति बताती है कि दुनिया गहरे आर्थिक संकट से गुजरने वाली है। शनि बृहस्पति का संयोजन समाज में नए बदलाव लाता है।

 

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